
anurag Tiwari
Dec 21, 2025
भगवद्गीता – प्रथम अध्याय (अर्जुन विषाद योग) का सार भगवद्गीता का पहला अध्याय “अर्जुन विषाद योग” क...
भगवद्गीता – प्रथम अध्याय (अर्जुन विषाद योग) का सार भगवद्गीता का पहला अध्याय “अर्जुन विषाद योग” कहलाता है। इसमें कुरुक्षेत्र के युद्ध से ठीक पहले की स्थिति का वर्णन है। इस अध्याय में धृतराष्ट्र संजय से युद्धभूमि का हाल पूछते हैं। संजय दोनों सेनाओं की व्यवस्था का वर्णन करता है। जब अर्जुन अपने ही संबंधियों, गुरुओं, मित्रों और प्रियजनों को युद्ध के लिए खड़ा देखता है, तो उसका मन दया, करुणा और मोह से भर जाता है। अर्जुन को लगता है कि अपनों को मारकर मिलने वाला राज्य और सुख निरर्थक है। वह युद्ध को पाप
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