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Tamrdhavj Nirmalkar

Tamrdhavj Nirmalkar

Dec 20, 2025

एक अंधेरी रात… जहाँ रोशनी का नाम तक नहीं था। ज़मीन के बहुत नीचे, एक गुप्त जगह में एक इंसान को ज़...

एक अंधेरी रात… जहाँ रोशनी का नाम तक नहीं था। ज़मीन के बहुत नीचे, एक गुप्त जगह में एक इंसान को ज़ंजीरों से बाँधकर रखा गया था। उसके हाथ, पैर, यहाँ तक कि गर्दन भी लोहे की मोटी ज़ंजीरों में जकड़ी हुई थी। उसका बदन ज़ख़्मों से भरा था, और उसकी आँखों में गुस्सा और नफ़रत जल रही थी। वह इंसान ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाया— “एक दिन… एक दिन मैं आज़ाद हो जाऊँगा, और तुम सबको खत्म कर दूँगा… एक-एक करके!” उसकी आवाज़ अंधेरे में गूंज उठी। तभी उसी अंधेरे से एक अनदेखा शख़्स सामने आया। उसका चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था, ब

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